Pages

मेरी अज़ब है जिंदगी किसी से क्या......


मेरी अज़ब है जिंदगी किसी से क्या गिला करूँ,
तकदीर रूठ जाए तो मेरे खुदा मैं क्या करूँ;

हालात ने नसीब में ग़म भर दिए हैं इस कदर,
ना मंज़िलों की कुछ खबर मैं कारवाँ को क्या करूँ;

मिल जाए डूबने पे भी आखिर तो इक साहिल कहीं,
तुफान की है आरजू, तूफान की दुआ करूँ;

मंज़िल की थी तलाश तो गार्द-ए-सफर मिली मुझे,
आँखें बरस पड़ी मेरी काली घटा को क्या करूँ;


--- अनजान शायर


No comments:

Post a Comment

You can also send your creations to post here....
viksinsa@gmail.com

with the subject line Ghazals

Latest Ghazals

Ghazlen